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चुनाव आयोग की "आदर्श आचार संहिता" अब "मोदी आचार संहिता" बन चुकी है- ममता बनर्जी

 08 May 2024

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि आदर्श आचार संहिता अब मोदी आचार संहिता में बदल चुकी है। चुनाव आयोग ने बीजेपी नेताओं की ओर से प्रचार के दौरान नफरत फैलाने वाले भाषणों पर अपनी आंखें बंद कर रखी है। मंगलवार को बंगाल के पुरुलिया में एक चुनावी सभा में ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अन्य शीर्ष नेता केवल खुद को ही हिंदू मानते हैं और वे अन्य समुदायों के बारे में नहीं सोचते हैं।



बीजेपी लोगो को डरा रही है

ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी और बीजेपी नेता अपने नफरत भरे भाषणों से निचली जाति के हिंदुओं, अल्पसंख्यकों और अन्य वंचित वर्गों को डरा रहे है लेकिन निर्वाचन आयोग चुप है। चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता एक मजाक बन गई है और इसे मोदी आचार संहिता का नाम देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि 'मैंने इस देश में मोदी से झूटा कोई प्रधानमंत्री नहीं देखा। सभी व्यक्तियों के बैंक खाते में 15 लाख रुपये देने के मोदी के 2014 के वादे का क्या हुआ? मुफ्त एलपीजी गैस देने के उनके वादे का क्या हुआ?, और उनके 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम का क्या हुआ?'



बीजेपी सिर्फ झूठे वादे करती है

ममता बनर्जी ने दावा किया कि बीजेपी नेता हर गांव में अन्नपूर्णा भंडार योजना के तहत हर गरीब महिला को 3000 रुपये देने का झूठा वादा कर रहे हैं। लेकिन सबको याद रखना है कि बीजेपी सिर्फ झूठ बोलती है। केंद्र सरकार ने बंगाल में गरीबों को मिलने वाली 100 दिन की मजदूरी तीन साल से रोक रखी है। बीजेपी की केंद्र सरकार चावल के लिए एक भी पैसा जारी नहीं कर रही, लेकिन हमने इस पर आने वाला पूरा खर्च खुद वहन किया ताकि गरीबों को कोई परेशानी न हो सके। उन्होंने कहा कि मोदी सिर्फ चुनाव के दौरान बंगाल का दौरा करते है। बीजेपी वोट पाने के लिए आदिवासी लोगों में पैसे बांट रही है लेकिन चुनाव आयोग को कुछ नज़र नहीं आ रहा।




महिलाओं को बदनाम करने साज़िश की गई

ममता बनर्जी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उन्होंने बंगाल की महिलाओं को बदनाम करने की साज़िश की। उन्होंने बंगाल की महिलाओं, उनकी गरिमा और आत्मसम्मान का गलत आकलन किया है।' हाल में वायरल हुए एक वीडियो में दावा किया गया था कि संदेशखाली की घटनाओं के पीछे भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का हाथ था। साथ ही महिलाओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाकर टीएमसी नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए कई महिलाओं को पैसे दिए गए थे।